ई-वे बिल और ई-इनवॉइस सिस्टम के लिए दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA) की अनिवार्यता अप्रैल 2025 से

ई-वे बिल और ई-इनवॉइस सिस्टम के लिए दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA) की अनिवार्यता अप्रैल 2025 से

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने 1 अप्रैल 2025 से ई-वे बिल (e-Way Bill) और ई-इनवॉइस (e-Invoice) पोर्टल का उपयोग करने वाले सभी करदाताओं और परिवहनकर्ताओं के लिए Two-Factor Authentication (2FA) अनिवार्य कर दिया है। इस सुरक्षा उपाय का उद्देश्य संवेदनशील करदाता जानकारी की सुरक्षा को मजबूत करना, अनधिकृत पहुंच के जोखिम को कम करना और धोखाधड़ी को रोकना है। 2FA प्रणाली उपयोगकर्ताओं को One-Time Password (OTP) के माध्यम से लॉगिन सत्यापित करने के लिए बाध्य करेगी, जिससे केवल अधिकृत व्यक्ति ही इन प्लेटफार्मों का उपयोग कर सकेंगे।

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2FA के लिए OTP प्राप्त करने के तरीके

2FA को सक्षम करने के लिए उपयोगकर्ता विभिन्न माध्यमों से One-Time Password (OTP) प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में उपलब्ध और भविष्य में प्रस्तावित तरीकों में शामिल हैं:

यह बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली करदाताओं और व्यापारिक संगठनों को सशक्त बनाएगी और जीएसटी पोर्टलों तक केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं की पहुंच सुनिश्चित करेगी।

2FA सक्षम करने के चरण

  • e-Way Bill सिस्टम में लॉगिन करें।
  • ‘2-Factor Authentication’ विकल्प पर जाएं।
  • 2FA को सक्षम करें।
  • OTP प्राप्त करने की विधि चुनें (SMS, Sandes App, या NIC-GST-Shield App)।
  • OTP दर्ज करें और पुष्टि करें।
  • सफलतापूर्वक सक्षम होने के बाद, भविष्य के सभी लॉगिन में OTP आवश्यक होगा।

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उप-उपयोगकर्ता (Sub-User) निर्माण और प्रबंधन

e-Way Bill और e-Invoice सिस्टम के तहत, मुख्य उपयोगकर्ता (करदाता) अपने GSTIN के अंतर्गत Sub-Users बना सकते हैं। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • Sub-User निर्माण: व्यवसायिक आवश्यकताओं के अनुसार उप-उपयोगकर्ताओं के लिए अलग-अलग लॉगिन बनाए जा सकते हैं।

  • अनुमतियाँ (Permissions) निर्धारित करना:

      • e-Way Bill जनरेट करना, रद्द करना या अपडेट करना।
      • रिपोर्ट्स देखना।
      • चालान (Invoice) से जुड़ी जानकारी एक्सेस करना।
      • केवल कुछ विशेष सुविधाओं तक सीमित पहुंच।
  • गतिविधि की निगरानी (Activity Monitoring): सभी Sub-User गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाएगा।
  • OTP आधारित प्रमाणीकरण: 2FA सक्षम होने पर, सभी Sub-Users को भी OTP दर्ज करना अनिवार्य होगा।
  • Sub-User अपडेट या निष्क्रिय करना: जरूरत के अनुसार अनुमतियाँ बदली जा सकती हैं, पासवर्ड रीसेट किया जा सकता है, या उपयोगकर्ता निष्क्रिय किया जा सकता है।
  • प्रमाणीकरण के लिए मोबाइल नंबर अपडेट करना: यह सुनिश्चित करने के लिए कि OTP प्राप्त हो सके, Sub-Users के पंजीकृत मोबाइल नंबर अद्यतन रखें।

2FA की अनिवार्यता का महत्व

2FA, e-Way Bill और e-Invoice पोर्टल की सुरक्षा को बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह Unauthorized Access, Cyber Threats, और Data Breach से बचाने में सहायक होगा।

2FA लागू करने के प्रमुख लाभ:

  1. सुरक्षा में वृद्धि (Enhanced Security): अनधिकृत पहुंच, हैकिंग और पहचान की चोरी को रोकता है।
  2. धोखाधड़ी रोकथाम (Fraud Prevention): GST क्रेडेंशियल्स के दुरुपयोग को रोकता है।
  3. डेटा सुरक्षा (Data Protection): संवेदनशील करदाता जानकारी को सुरक्षित करता है।
  4. नियमों का पालन (Regulatory Compliance): सरकारी साइबर सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुरूप।
  5. उपयोगकर्ता की जवाबदेही (User Accountability): लॉगिन गतिविधियों को ट्रैक और मॉनिटर करने की सुविधा।

2FA लागू करने की समयसीमा

सरकार ने करदाताओं को बदलाव के लिए पर्याप्त समय देने के उद्देश्य से 2FA को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बनाई है:

  • 1 जनवरी 2025 से: AATO ₹20 करोड़ से अधिक वाले करदाताओं के लिए अनिवार्य।
  • 1 फरवरी 2025 से: AATO ₹5 करोड़ से अधिक वाले करदाताओं के लिए अनिवार्य।
  • 1 अप्रैल 2025 से: सभी करदाताओं और उपयोगकर्ताओं के लिए अनिवार्य।

निष्कर्ष

Two-Factor Authentication (2FA) करदाताओं को अनधिकृत पहुंच और धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। सभी व्यवसायों को सलाह दी जाती है कि वे समय से पहले 2FA को सक्रिय करें ताकि किसी भी तकनीकी समस्या से बचा जा सके। सरकार की यह पहल Cyber Security और GST Compliance को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Disclaimer: This article is for informational purposes only, based on public sources and official notifications. Readers should consult government guidelines, tax experts, or legal professionals. The author and publisher are not responsible for errors or consequences.

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