नई इनकम टैक्स बिल 2025: सरकार को मिले ईमेल, सोशल मीडिया और डिजिटल संपत्तियों तक पहुंच के अधिकार!
भारत में मौजूदा टैक्स कानून इनकम टैक्स अधिकारियों को लैपटॉप, हार्ड ड्राइव और ईमेल तक पहुंच की अनुमति देते हैं। लेकिन, डिजिटल रिकॉर्ड को स्पष्ट रूप से शामिल न करने के कारण, कानूनी विवाद उत्पन्न होते रहते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, नई इनकम टैक्स बिल 2025 को प्रस्तावित किया गया है, जो टैक्स अधिकारियों को डिजिटल संपत्तियों तक सीधे पहुंचने की स्पष्ट शक्ति देगा। यदि कोई करदाता सहयोग करने से मना करता है, तो अधिकारियों को पासवर्ड और एन्क्रिप्शन बायपास करने की शक्ति दी जाएगी।
नए इनकम टैक्स बिल 2025 की मुख्य विशेषताएं
1 अप्रैल 2026 से प्रभावी क्लॉज 247 के तहत, इनकम टैक्स अधिकारी अब ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक डिटेल्स और इन्वेस्टमेंट रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं, यदि वे टैक्स चोरी या अघोषित संपत्ति के संदेह में हों।
सर्च और सीज़र (Search and Seizure) के अंतर्गत इनकम टैक्स अधिकारी की शक्तियां
नए बिल के तहत, इनकम टैक्स अधिकारी को निम्नलिखित अधिकार प्राप्त होंगे:
- जगह, वाहन, जहाज या विमान की तलाशी जहां टैक्स चोरी या अघोषित संपत्ति की संभावना हो।
- कंप्यूटर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, या वर्चुअल प्लेटफॉर्म में स्टोर्ड डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंचने की मांग करना।
- पासवर्ड या एन्क्रिप्शन को बायपास करना यदि टैक्सदाता सहयोग करने से इनकार करता है।
- व्यक्तिगत तलाशी लेना, यदि संदेह हो कि व्यक्ति के पास छुपाए गए दस्तावेज़, संपत्ति या डिजिटल डिवाइस हैं।
- दस्तावेज़ों, डिजिटल रिकॉर्ड और संपत्तियों को जब्त करना।
- उन संपत्तियों पर रोक लगाना, जो उनकी प्रकृति के कारण शारीरिक रूप से जब्त नहीं की जा सकतीं (जैसे डिजिटल एसेट्स, भारी मूल्यवान वस्तुएं)।
सर्च और सीज़र के दौरान डेटा का उपयोग
क्लॉज 489 के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के पास वित्तीय रिकॉर्ड, संपत्ति या डिजिटल दस्तावेज पाए जाते हैं, तो अदालत इन्हें उसकी संपत्ति मान लेगी, जब तक कि वह इसके विपरीत प्रमाण प्रस्तुत न करे।
नए इनकम टैक्स बिल 2025 में किए गए प्रमुख बदलाव
विशेषता |
इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 (सेक्शन 132) |
नया इनकम टैक्स बिल, 2025 (क्लॉज 247) |
डिजिटल रिकॉर्ड का दायरा |
केवल पुस्तकों और दस्तावेजों का जिक्र |
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और कंप्यूटर सिस्टम को शामिल किया गया |
एन्क्रिप्टेड डेटा तक पहुंच |
स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं |
पासवर्ड और एन्क्रिप्शन को बायपास करने की अनुमति |
तलाशी शुरू करने वाले अधिकारी |
अतिरिक्त निदेशक, उपायुक्त आदि को अनुमति |
अब केवल निर्दिष्ट अधिकारियों को ही अनुमति |
संपत्ति का अनुमानित स्वामित्व |
स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं |
जब्त संपत्ति को व्यक्ति की संपत्ति माना जाएगा जब तक कि वह इसे गलत साबित न करे |
डिजिटल स्पेस (Digital Space) और कंप्यूटर सिस्टम की विस्तारित परिभाषा
इस बिल में "कंप्यूटर सिस्टम" और "वर्चुअल डिजिटल स्पेस" की परिभाषा को विस्तारित किया गया है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- डिवाइस: कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन, हार्ड ड्राइव, USB ड्राइव।
- ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म: Email
(Gmail, Outlook), Social Media (Facebook, Twitter, Instagram), Cloud
Storage (Google Drive, Dropbox)।
- वित्तीय डेटा: Bank
Accounts, Investment Portfolios, Cryptocurrency Wallets।
- E-commerce और Payments: Amazon ऑर्डर हिस्ट्री, Paytm, Google Pay लेन-देन रिकॉर्ड।
नए कानून के तहत व्यावहारिक उदाहरण (Practical
Examples)
1. एन्क्रिप्टेड डेटा तक पहुंच
टैक्स अधिकारियों को संदेह है कि Mr. X ने अपनी आय छिपाई है। तलाशी के दौरान, उनका लैपटॉप पासवर्ड-प्रोटेक्टेड पाया जाता है। जब Mr. X पासवर्ड देने से इनकार करता है, तो अधिकारी पासवर्ड को बायपास करके डेटा एक्सेस कर सकते हैं।
2. अघोषित संपत्ति की जब्ती
एक कारोबारी Ms. Y पर टैक्स चोरी का संदेह है। तलाशी में नकदी, आभूषण, और डिजिटल संपत्ति मिलती है, जो उनकी वित्तीय रिपोर्ट में दर्ज नहीं है। क्लॉज 489 के तहत, इन संपत्तियों को Ms. Y का माना जाएगा, जब तक वह इसका वैध स्रोत साबित न करे।
3. छुपाए गए अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की जांच
एक कंपनी ABC Ltd. ने कुछ अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की जानकारी नहीं दी। अधिकारियों को नए अधिकारों के तहत कंपनी के डिजिटल रिकॉर्ड की तलाशी लेने और अधिक सबूत जुटाने की शक्ति मिलती है।
सर्वेक्षण (Survey) के दौरान अधिकारियों के नए अधिकार
नया बिल इनकम टैक्स अधिकारियों को व्यवसाय, कार्यालय, या चैरिटी संस्थानों में जाकर:
- डिजिटल डेटा, कंप्यूटर सिस्टम, वर्चुअल डिजिटल स्पेस की जांच करने की अनुमति देता है।
- संपत्ति और स्टॉक की पुष्टि करने का अधिकार देता है।
- व्यक्ति से संबंधित टैक्स जानकारी प्राप्त करने की शक्ति देता है।
गोपनीयता और संभावित दुरुपयोग को लेकर चिंता
कानूनी विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इनकम टैक्स अधिकारियों को डिजिटल संपत्तियों तक व्यापक पहुंच देने से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
- गोपनीयता उल्लंघन: निजी ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट, और बैंकिंग डिटेल्स की जांच का खतरा।
- शक्ति का दुरुपयोग: बिना ठोस आधार के करदाताओं को अनावश्यक जांच का सामना करना पड़ सकता है।
- व्यक्तिगत डिजिटल स्पेस पर अतिरेक: निर्दोष व्यक्तियों की भी पूछताछ और डेटा एक्सेस का जोखिम बढ़ सकता है।
इस बिल का उद्देश्य टैक्स अनुपालन को मजबूत करना है, लेकिन व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश तैयार करना भी आवश्यक होगा।
निष्कर्ष
नया इनकम टैक्स बिल 2025 कर अधिकारियों को डिजिटल और वित्तीय रिकॉर्ड तक अभूतपूर्व पहुंच प्रदान करता है। हालांकि, यह कर चोरी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम है, लेकिन डिजिटल डेटा एक्सेस का व्यापक दायरा गोपनीयता से संबंधित गंभीर चिंताओं को भी जन्म देता है।
इसलिए, इस बिल को लागू करने से पहले यह आवश्यक होगा कि सख्त सुरक्षा उपायों और कानूनी नियमों को सुनिश्चित किया जाए, ताकि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
क्या यह कानून आपकी डिजिटल प्राइवेसी को प्रभावित करेगा? हमें अपने विचार बताएं! 🚀
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. नया इनकम टैक्स बिल 2025 क्या है?
नया इनकम टैक्स बिल 2025 एक प्रस्तावित कानून
है जो इनकम टैक्स अधिकारियों को ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक डिटेल्स और निवेश रिकॉर्ड तक पहुंचने की शक्ति देता है, यदि उन्हें टैक्स
चोरी या अघोषित संपत्ति
का संदेह हो।
2. क्या इनकम टैक्स अधिकारी मेरे ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट देख सकते हैं?
हाँ, क्लॉज 247 के तहत, टैक्स
अधिकारी ईमेल, सोशल मीडिया (Facebook, Twitter,
Instagram आदि),
क्लाउड
स्टोरेज
और डिजिटल लेन-देन की जांच कर
सकते हैं, यदि उन्हें
टैक्स चोरी का संदेह
हो।
3. क्या इनकम टैक्स अधिकारी मेरे पासवर्ड और एन्क्रिप्शन को बायपास कर सकते हैं?
हाँ, इस बिल में
इनकम टैक्स अधिकारियों को पासवर्ड और एन्क्रिप्शन को बायपास करने का अधिकार दिया गया है,
जिससे वे कंप्यूटर सिस्टम, हार्ड ड्राइव, या वर्चुअल डिजिटल स्पेस में संग्रहीत डिजिटल
रिकॉर्ड तक पहुंच सकते
हैं।
4. अगर मैं अपनी डिजिटल संपत्तियों की जानकारी देने से इनकार कर दूं तो क्या होगा?
अगर कोई करदाता सहयोग
करने से इनकार करता
है, तो इनकम टैक्स
अधिकारी को एक्सेस कोड बायपास करने और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त करने का अधिकार होगा। इसके अलावा,
तलाशी के दौरान पाई
गई किसी भी संपत्ति
को उसी व्यक्ति की मानी जाएगी जब तक कि वह इसे गलत साबित न करे।