अवैध GST तलाशी और जब्ती: उच्च न्यायालय ने कार्यवाही रद्द की
परिचय: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने Uttar Pradesh Goods and Services Tax (UPGST) Act, 2017 की धारा 67 के तहत M/S Excellentvision Technical Academy Pvt. Ltd. के खिलाफ शुरू की गई पूरी कार्यवाही को अवैध घोषित कर दिया है। न्यायालय ने पाया कि Search and Seizure (तलाशी और जब्ती) प्रक्रिया बिना वैध अनुमति के की गई थी, जिससे सभी बाद की कार्यवाहियाँ शून्य हो जाती हैं। यह निर्णय GST प्रवर्तन कार्यों में कानूनी प्रक्रियाओं के पालन के महत्व को उजागर करता है और बिना कारण तलाशी झेल रही कंपनियों को राहत प्रदान करता है।
मामले का अवलोकन: Excellentvision Technical Academy
Pvt. Ltd. बनाम State of U.P.
मामले की पृष्ठभूमि
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यह मामला M/S Excellentvision Technical
Academy Pvt. Ltd. से संबंधित है, जिसने January 4, 2018 को किए गए Search and Seizure की वैधता को चुनौती दी।
- कंपनी ने तर्क दिया कि Joint Commissioner ने Search को अधिकृत करने से पहले 'Reasons to Believe' दर्ज नहीं किए, जो कि Section 67 UPGST Act, 2017 के तहत आवश्यक है।
- अधिकारियों ने INS-01 Forms (Search Authorization
Documents) दो अलग-अलग तिथियों पर जारी किए—एक January 4, 2018 को और दूसरा February 11, 2019 को, जिससे उनकी वैधता पर सवाल उठे।
मुख्य कानूनी मुद्दे
1.
Section 67 का पालन न करना: कानून के अनुसार, Search शुरू करने से पहले 'Reasons to Believe' दस्तावेजी रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। इस मामले में, यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
2. Search Authorization (INS-01 Forms) में विरोधाभास: तलाशी से पहले और बाद में दो अलग-अलग INS-01 Forms जारी किए गए, जिससे गंभीर संदेह उत्पन्न हुआ।
3. State Authorities की अस्पष्ट प्रतिक्रिया: राज्य सरकार के जवाब में स्पष्टता नहीं थी, जिससे कानूनी भ्रम उत्पन्न हुआ।
न्यायालय का निर्णय और टिप्पणियाँ
कार्यवाही को रद्द करना
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उच्च न्यायालय ने पाया कि पूरी Search Authorization प्रक्रिया दोषपूर्ण थी और कानूनी आवश्यकताओं का पालन नहीं किया गया।
- इस कारण से, Section 67 के तहत शुरू की गई पूरी GST कार्यवाही अवैध घोषित कर दी गई।
न्यायालय के प्रमुख निर्देश
1.
Seized Goods और Documents को वापस करना: राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जब्त किए गए सभी सामान और दस्तावेज़ वापस करने होंगे।
2. Deposited Amount की Refund: Section 74 UPGST
Act के तहत जबरन वसूली गई कोई भी राशि आठ सप्ताह के भीतर वापस की जानी चाहिए।
3. GST कार्यवाही में 'Reasons to Believe' की महत्ता: न्यायालय ने दोहराया कि GST अधिकारियों को Search शुरू करने से पहले उपयुक्त कारण दर्ज करने होंगे।
न्यायिक फैसले के कानूनी प्रभाव
1.
अवैध GST तलाशी के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत करना: यह निर्णय स्पष्ट करता है कि GST अधिकारियों को उचित दस्तावेज़ और कारणों के बिना Search नहीं करनी चाहिए।
2. Afterthought Justifications को रोकना: न्यायालय ने बाद में जारी किए गए INS-01 Form को अवैध करार दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि अधिकारी बाद में झूठे दस्तावेज़ नहीं बना सकते।
3. अवैध GST कार्यवाही से व्यापारियों को राहत: यह फैसला उन व्यवसायों के लिए राहत है जो अवैध कर खोजबीन का शिकार होते हैं।
निष्कर्ष: निष्पक्ष GST प्रवर्तन को सुनिश्चित करने वाला ऐतिहासिक निर्णय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का यह निर्णय M/S Excellentvision Technical
Academy Pvt. Ltd. v. State of U.P. अवैध
GST प्रवर्तन कार्यवाहियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इस फैसले ने पुष्टि की कि अगर उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है, तो पूरी कार्यवाही अवैध मानी जाएगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला M/S Excellentvision Technical Academy Pvt. Ltd. बनाम उत्तर प्रदेश राज्य जीएसटी प्रवर्तन में एक महत्वपूर्ण मिसाल स्थापित करता है, जो प्रक्रियात्मक अनुपालन की अनिवार्यता को उजागर करता है। वैध प्राधिकरण की कमी के कारण कार्यवाही को रद्द करके, अदालत ने 'विश्वास करने के कारण' की आवश्यकता को दोहराया है। यह निर्णय व्यापारों के लिए कानूनी सुरक्षा को मजबूत करता है, मनमानी कर छापों को रोकता है और उचित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करता है। करदाता प्रक्रियात्मक त्रुटियों के प्रति सतर्क रहें और अनुचित जीएसटी कार्यवाही का सामना करने पर अपने अधिकारों का दावा करें, जिससे कर प्रशासन में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।
व्यवसायों और कर विशेषज्ञों के लिए मुख्य निष्कर्ष
✅ GST Search से पहले सुनिश्चित करें कि अधिकारी वैध 'Reasons to Believe' दस्तावेज़ प्रस्तुत करें।
✅ INS-01 Form में विसंगतियां होने पर उसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
✅ Article 226 of the Constitution के तहत High Court में अवैध GST कार्यवाही को चुनौती दी जा सकती है।
✅ अधिकारियों को सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, अन्यथा उनकी कार्यवाही अवैध होगी।