Madras High Court का बड़ा फैसला: GST Late Fee वैध, ₹50,000 Penalty को किया रद्द

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 Madras High Court का बड़ा फैसला: GST Late Fee वैध, ₹50,000 Penalty को किया रद्द

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परिचय

हाल ही में, Madras High Court के माननीय न्यायाधीश श्री कृष्णन रामासामी ने W.P. No. 36614 of 2024 और W.M.P. No. 39493 of 2024 में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। यह मामला Tvl. Jainsons Castors & Industrial Products द्वारा दायर किया गया था, जिसमें Assistant Commissioner (ST), Ekkatuthangal Assessment Circle द्वारा लगाए गए Late Fee और Penalty को चुनौती दी गई थी।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि यह आदेश गैर-कानूनी, निराधार और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद, High Court ने Section 125 के तहत लगाए गए Penalty को हटा दिया, लेकिन Section 47 के तहत Late Fee को बरकरार रखा

मामले की पृष्ठभूमि

यह विवाद तब उठा जब Assistant Commissioner (ST) ने Form GST DRC-07 (Reference No. ZD330724295618W) दिनांक 24.07.2004 के तहत Section 73 के अंतर्गत Notice जारी किया

याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित तर्क दिए:

  • Section 47 के तहत केवल Late Fee ही लग सकती है, जबकि Section 125 के तहत Penalty लगाना अनुचित है
  • Section 46 के तहत कोई पूर्व सूचना जारी नहीं की गई थी
  • Section 73 केवल Tax निर्धारण के लिए लागू होता है और यह Annual Return न भरने से संबंधित नहीं है
  • Late Fee पहले ही Section 47 के तहत लगाई जा चुकी थी, इसलिए Section 125 के तहत अलग से Penalty लगाना अनुचित था

प्रतिवादी (Respondent) की दलील

Additional Government Pleader (Tax) ने प्रतिवाद किया कि:

  • याचिकाकर्ता ने Section 44 के तहत Annual Return दाखिल नहीं किया था, इसलिए Late Fee और Penalty दोनों लगाए गए।
  • Notice को Section 47 r/w 73 के तहत जारी किया गया था, क्योंकि याचिकाकर्ता ने अपना टर्नओवर विवरण प्रस्तुत नहीं किया था
  • Late Fee की राशि ₹1,12,000/- थी, और याचिकाकर्ता ने पूरी जानकारी प्रस्तुत नहीं की थी।

कोर्ट का विश्लेषण और निर्णय

Section 47 के तहत Late Fee

कोर्ट ने Section 47 की समीक्षा की, जिसमें यह प्रावधान है कि Annual Return भरने में देरी होने पर ₹100 प्रति दिन Late Fee लगेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 0.25% of the turnover in the State तक हो सकती है।

चूंकि याचिकाकर्ता ने Annual Return दाखिल करने में देरी की थी, इसलिए Court ने Late Fee को वैध ठहराया

Section 125 के तहत Penalty को रद्द किया गया

कोर्ट ने Section 125 की भी समीक्षा की, जिसमें यह प्रावधान है कि यदि किसी विशेष प्रावधान के तहत कोई Penalty निर्दिष्ट नहीं है, तो अधिकतम ₹25,000 का सामान्य जुर्माना (General Penalty) लगाया जा सकता है

  • चूंकि Section 47 के तहत पहले ही Late Fee लगाई जा चुकी थी, इसलिए Section 125 के तहत ₹50,000 (₹25,000 CGST और ₹25,000 SGST) की अतिरिक्त Penalty अनुचित थी
  • Court ने इस Penalty को अस्वीकार कर दिया

अंतिम निर्णय

  • Section 47 के तहत लगाई गई Late Fee को Court ने बरकरार रखा
  • Section 125 के तहत ₹50,000 की Penalty को Court ने रद्द कर दिया
  • Writ Petition को आंशिक रूप से स्वीकार किया गया और कोई अतिरिक्त लागत नहीं लगाई गई

इस फैसले का महत्व

यह फैसला कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को स्पष्ट करता है:

  1. GST कानूनों के तहत Late Fee और Penalty को सही तरीके से लागू किया जाना चाहिए
  2. जब किसी विशेष स्थिति के लिए पहले से ही प्रावधान मौजूद हो (जैसे Section 47 के तहत Late Fee), तो General Penalty (Section 125) नहीं लगाई जा सकती
  3. Tax अधिकारियों को उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए, जिसमें Penalty लगाने से पहले उचित नोटिस जारी करना शामिल है

निष्कर्ष

Madras High Court का यह फैसला GST कानूनों के तहत अनुचित दंड के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मिसाल स्थापित करता है। यह निर्णय सुनिश्चित करता है कि Tax Authorities अपनी शक्तियों का दुरुपयोग न करें और कानून के अनुसार ही कार्यवाही करें

GST करदाताओं को अपने Compliance दायित्वों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है और यदि उन पर अनुचित Penalty लगाई जाती है, तो वे इसे न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं

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