FAQs on Tax on Presumptive Taxation Scheme: सरल कर अनुपालन के लिए एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

 FAQs on Tax on Presumptive Taxation Scheme: सरल कर अनुपालन के लिए एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

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परिचय

अनुमानित कराधान योजना (Presumptive Taxation Scheme) उन छोटे करदाताओं और पेशेवरों के लिए एक सरल और सहज तरीका प्रदान करती है, जो अपने कारोबार की विस्तृत पुस्तकें रखने से बचना चाहते हैं। यह योजना आयकर अधिनियम, 1961 के तहत बनाई गई है ताकि छोटे व्यापारी, पेशेवर और परिवहन व्यवसायी अपने टर्नओवर या सकल प्राप्तियों का एक निश्चित प्रतिशत आय के रूप में घोषित कर सकें।

इस लेख में हम अनुमानित कराधान योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे – इसके लाभ, पात्रता, आय की गणना की विधि, और उन महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर जिन्हें अक्सर करदाताओं द्वारा पूछा जाता है। साथ ही हम तुलना करेंगे कि पारंपरिक कर गणना की विधि और अनुमानित कराधान योजना में क्या अंतर है।

 

अनुमानित कराधान योजना की मुख्य विशेषताएँ एवं पात्रता

मुख्य विशेषताएँ

·         सरल कर गणना:
अनुमानित कराधान योजना के तहत करदाता अपनी कुल टर्नओवर या सकल प्राप्तियों का एक निश्चित प्रतिशत आय के रूप में घोषित करते हैं, जिससे पारंपरिक खर्च कटौती की जटिलताओं से बचा जा सके।

·         पात्रता:
यह योजना केवल उन करदाताओं के लिए है जो निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) या निवासी साझेदारी फर्म (Limited Liability Partnership छोड़कर) के रूप में आते हैं। यह योजना गैर-निवासी और कुछ अन्य विशेष क्षेत्रों के लिए उपलब्ध नहीं है।

·         बुक कीपिंग में सहूलियत:
इस योजना के अंतर्गत करदाताओं को विस्तृत पुस्तकें रखने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे लेखा-जोखा रखने का झंझट कम हो जाता है।

·         अग्रिम कर का भुगतान:
योजना अपनाने वाले करदाताओं को निर्धारित तिथि (15 मार्च तक) से पहले पूरा अग्रिम कर जमा करना होता है। यदि अग्रिम कर समय पर जमा नहीं होता, तो सेक्शन 234B और 234C के अनुसार ब्याज का प्रावधान है।

पात्रता मानदंड

·         धारा 44AD के तहत:

    • केवल निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और निवासी साझेदारी फर्म (लिमिटेड लाइबिलिटी फर्म नहीं) इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
    • केवल वे व्यापारी जिनका वार्षिक टर्नओवर 2 करोड़ रुपये (या यदि कुछ शर्तें पूरी हों तो 3 करोड़ रुपये) से कम है।

·         धारा 44ADA के तहत:

    • पेशेवर जैसे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, तकनीकी सलाहकार आदि, जिनकी कुल सकल प्राप्तियाँ 50 लाख रुपये (या कुछ मामलों में 75 लाख रुपये) से अधिक नहीं हैं।

·         धारा 44AE के तहत:

    • वे व्यक्ति जो परिवहन व्यवसाय में लगे हैं और जिनके पास पिछले वर्ष में 10 से कम व्यावसायिक वाहन हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

 

अनुमानित कराधान योजना कैसे काम करती है

पारंपरिक कर गणना बनाम अनुमानित कराधान योजना

पारंपरिक कर गणना में करदाता अपनी आय को टर्नओवर में से खर्च घटाकर प्राप्त करते हैं और इस प्रक्रिया के लिए विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत, अनुमानित कराधान योजना के तहत करदाता को सिर्फ एक निर्धारित प्रतिशत (जैसे 8% या 6% छोटे व्यवसायों के लिए, 50% पेशेवरों के लिए) के आधार पर आय घोषित करनी होती है। इससे लेखा-जोखा रखने की प्रक्रिया सरल हो जाती है।

तालिका: पारंपरिक कर गणना बनाम अनुमानित कराधान योजना

पहलू

पारंपरिक विधि

अनुमानित कराधान योजना

गणना की विधि

टर्नओवर – व्यय कटौती

निर्धारित प्रतिशत (8%/6%/50%)

बुक कीपिंग

विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता

विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता नहीं

व्यय कटौती

वास्तविक खर्चों के अनुसार कटौती की जा सकती है

निर्धारित प्रतिशत पर आय घोषित करने के बाद कोई अतिरिक्त कटौती नहीं

अग्रिम कर

अनुमानित आय के आधार पर भुगतान

15 मार्च तक पूरा अग्रिम कर भुगतान आवश्यक

कर ऑडिट

टर्नओवर सीमा पार करने पर कर ऑडिट आवश्यक हो सकता है

सामान्यतः कर ऑडिट की आवश्यकता नहीं, जब तक करदाता योजना से बाहर न निकले


धारा 44AD: छोटे व्यवसायों के लिए अनुमानित कराधान योजना

योजना का विवरण

धारा 44AD के तहत छोटे व्यवसाय अपने टर्नओवर या सकल प्राप्तियों का 8% (यदि भुगतान डिजिटल तरीके से हुआ हो तो 6%) आय के रूप में घोषित कर सकते हैं। इससे न केवल कर गणना में आसानी होती है बल्कि कर अनुपालन का बोझ भी कम हो जाता है।

योजना अपनाने की शर्तें

·         टर्नओवर सीमा:
व्यवसाय का कुल टर्नओवर 2 करोड़ रुपये होना चाहिए, और यदि कुछ शर्तें पूरी हों (जैसे कि नकद लेन-देन की सीमा), तो यह सीमा 3 करोड़ रुपये हो सकती है।

·         पुस्तकों का रखरखाव:
यदि कोई करदाता धारा 44AD के तहत कर गणना करता है तो उसे धारा 44AA के अनुसार विस्तृत पुस्तकों का रखरखाव करने की आवश्यकता नहीं होती।

·         पिछले लाभ का दुरुपयोग:
यदि करदाता ने इस योजना का लाभ उठाया है, तो अगले 5 वर्षों तक इसे अपनाने से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लग जाता है।

अस्वीकृत व्यवसाय

  • परिवहन व्यवसाय (जो धारा 44AE के अंतर्गत आते हैं)
  • कमीशन या दलाली से आय अर्जित करने वाले व्यक्ति
  • ऐसे व्यवसाय जिनका वार्षिक टर्नओवर निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है

धारा 44ADA: पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान योजना

योजना का विवरण

धारा 44ADA पेशेवरों के लिए है, जिनमें वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, तकनीकी सलाहकार, आर्किटेक्ट और अन्य शामिल हैं। इस योजना के तहत पेशेवर अपनी कुल सकल प्राप्तियों का 50% आय के रूप में घोषित करते हैं।

योजना अपनाने की शर्तें

·         सकल प्राप्तियों की सीमा:
पेशेवरों के लिए कुल सकल प्राप्तियाँ 50 लाख रुपये (या 75 लाख रुपये, यदि नकद लेन-देन की शर्त पूरी होती है) से अधिक नहीं होनी चाहिए।

·         अतिरिक्त कटौती का अभाव:
एक बार 50% पर आय घोषित करने के बाद अतिरिक्त व्यय कटौती का दावा नहीं किया जा सकता, हालांकि अध्याय VI-A के तहत कुछ कटौतियाँ फिर भी लागू हो सकती हैं।

·         बुक कीपिंग:
इस योजना को अपनाने वाले पेशेवरों को धारा 44AA के तहत विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता नहीं होती, जब तक कि वे निर्धारित सीमा से अधिक आय घोषित न करें।

धारा 44AE: परिवहन व्यवसाय के लिए अनुमानित कराधान योजना

योजना का विवरण

धारा 44AE उन करदाताओं के लिए है जो परिवहन व्यवसाय में लगे हैं और जिनके पास पिछले वर्ष में 10 या उससे कम व्यावसायिक वाहन हैं। इस योजना में आय की गणना एक निश्चित दर पर की जाती है।

आय की गणना की विधि

·         हल्के वाहन:
प्रत्येक वाहन के लिए प्रति माह रु. 7,500 निर्धारित किए जाते हैं।

·         भारी वाहन:
भारी वाहनों के लिए, प्रति टन सकल वाहन वजन के आधार पर प्रति माह रु. 1000 निर्धारित किया जाता है।

अन्य प्रावधान

  • इस योजना के अंतर्गत अतिरिक्त व्यय कटौती की अनुमति नहीं होती।
  • यदि करदाता वास्तविक आय से अधिक आय घोषित करना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है, लेकिन निर्धारित दर से ऊपर की राशि पर विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता पड़ सकती है।

अग्रिम कर भुगतान और खाता पुस्तकों का रखरखाव

अग्रिम कर का भुगतान

अनुमानित कराधान योजना अपनाने वाले करदाताओं को निर्धारित तिथि, अर्थात् 15 मार्च तक पूरा अग्रिम कर जमा करना अनिवार्य है। यदि करदाता इस समय सीमा का पालन नहीं करता है, तो उन्हें धारा 234B और 234C के अनुसार ब्याज देना पड़ता है। अग्रिम कर का समय पर भुगतान योजना के तहत अनुशासन और नियमानुसार कर अनुपालन के लिए आवश्यक है।

खाता पुस्तकों का रखरखाव

  • धारा 44AA:
    सामान्यतः व्यवसाय करने वाले करदाताओं को अपनी आय की गणना के लिए विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता होती है।
  • अनुमानित कराधान योजना में छूट:
    यदि करदाता धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत कर गणना करता है, तो उसे विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे कर अनुपालन प्रक्रिया सरल हो जाती है।

 

अनुमानित कराधान योजना से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. अनुमानित कराधान योजना का क्या अर्थ है?

अनुमानित कराधान योजना एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत करदाता अपनी आय का एक निश्चित प्रतिशत (जैसे 8% या 50%) घोषित करते हैं, बिना पारंपरिक तौर पर खर्च कटौती और विस्तृत लेखांकन के झंझट में पड़े। यह प्रणाली छोटे व्यापारों और पेशेवरों के लिए कर अनुपालन को सरल बनाती है।

2. कौन-कौन इस योजना का लाभ उठा सकता है?

  • निवासी व्यक्ति:
    जो करदाता निवासी व्यक्ति के रूप में आते हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • हिंदू अविभाजित परिवार (HUF):
    परिवारिक संरचनाओं में भी यह योजना लागू होती है।
  • निवासी साझेदारी फर्म:
    लिमिटेड लाइबिलिटी फर्म छोड़कर अन्य साझेदारी फर्म इस योजना का लाभ ले सकती हैं।
  • पेशेवर:
    जो पेशेवर धारा 44ADA के अंतर्गत आते हैं, जैसे कि वकील, डॉक्टर, इंजीनियर आदि, वे अपनी सकल प्राप्तियों का 50% घोषित कर सकते हैं।

3. क्या कोई ऐसे व्यवसाय हैं जो इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं?

हाँ, निम्नलिखित व्यवसाय इस योजना के तहत पात्र नहीं माने जाते:

  • परिवहन व्यवसाय जिन पर धारा 44AE लागू होती है।
  • कमीशन या दलाली (Brokerage/Commission) के आधार पर आय अर्जित करने वाले।
  • जिन व्यवसायों का वार्षिक टर्नओवर निर्धारित सीमा (2 करोड़/3 करोड़ रुपये) से अधिक हो।

4. क्या बीमा एजेंट इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?

नहीं, बीमा एजेंटों की आय कमीशन के आधार पर होती है, जिसके कारण वे अनुमानित कराधान योजना (धारा 44AD) का लाभ नहीं उठा सकते।

5. पेशेवर किस प्रकार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?

जो पेशेवर धारा 44AA के अंतर्गत आते हैं, उन्हें धारा 44AD के बजाय धारा 44ADA के तहत 50% पर अपनी सकल प्राप्तियों के आधार पर आय घोषित करनी होती है। यदि पेशेवर वास्तविक आय 50% से कम घोषित करते हैं और उनकी आय निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, तो उन्हें विस्तृत बहीखाता रखना आवश्यक हो सकता है।

6. अगर टर्नओवर निर्धारित सीमा से अधिक हो जाए तो क्या होगा?

यदि किसी व्यवसाय का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये (या विशेष परिस्थितियों में 3 करोड़ रुपये) से अधिक हो जाता है, तो वह अनुमानित कराधान योजना का लाभ नहीं उठा सकता और पारंपरिक कर गणना की प्रक्रिया अपनानी होगी।

7. क्या अनुमानित कराधान योजना के तहत अतिरिक्त खर्च कटौती की अनुमति है?

नहीं, एक बार निर्धारित प्रतिशत (8%, 6% या 50%) के आधार पर आय घोषित कर लेने के बाद, अतिरिक्त व्यय कटौती का दावा नहीं किया जा सकता है। हालांकि, अध्याय VI-A के अंतर्गत कुछ अन्य कटौतियाँ उपलब्ध रहती हैं।

8. क्या करदाता को योजना से बाहर निकलने पर कोई दंड देना होगा?

यदि कोई करदाता अनुमानित कराधान योजना का लाभ उठाने के बाद अगले 5 वर्षों में इस योजना से बाहर निकल जाता है, तो उसे अगले 5 वर्षों तक इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता। साथ ही, उसे पारंपरिक कर गणना के अनुसार विस्तृत बहीखाता रखने और आवश्यकतानुसार कर ऑडिट करवाने का प्रावधान अपनाना पड़ता है।

 

पेशेवरों के लिए धारा 44ADA पर विशेष ध्यान

योजना की मुख्य बातें

·         पात्रता:
वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, तकनीकी सलाहकार, आर्किटेक्ट आदि उन पेशेवरों में शामिल हैं जो धारा 44ADA के तहत आते हैं।

·         आय की गणना:
पेशेवर अपनी कुल सकल प्राप्तियों का 50% आय के रूप में घोषित करते हैं। यदि कोई पेशेवर वास्तविक आय 50% से अधिक या कम घोषित करना चाहता है, तो उसे नियमों के अनुसार बहीखाता रखने की आवश्यकता हो सकती है।

·         अनुपालन में सहूलियत:
इस योजना को अपनाने से विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, जिससे पेशेवरों के लिए कर अनुपालन का कार्य सरल हो जाता है।

 

परिवहन व्यवसायियों के लिए धारा 44AE पर विशेष ध्यान

योजना की मुख्य बातें

·         पात्रता मानदंड:
जो व्यक्ति परिवहन व्यवसाय में लगे हैं और जिनके पास पिछले वर्ष में 10 या उससे कम व्यावसायिक वाहन हैं, वे धारा 44AE के अंतर्गत इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

·         आय की गणना:

    • हल्के वाहन: प्रत्येक वाहन के लिए प्रति माह रु. 7,500
    • भारी वाहन: प्रति टन सकल वाहन वजन के आधार पर प्रति माह रु. 1000
      यह दर तय कर देती है कि अतिरिक्त खर्च कटौती की अनुमति नहीं होगी।

·         अनुपालन में सहूलियत:
इस योजना के अंतर्गत करदाता को विस्तृत पुस्तकें रखने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे परिवहन व्यवसायियों के लिए कर अनुपालन काफी सरल हो जाता है।

 

अनुमानित कराधान योजना के लाभ एवं सीमाएँ

लाभ

·         सरलता:
अनुमानित कराधान योजना में कर गणना के लिए केवल एक निर्धारित प्रतिशत का उपयोग किया जाता है, जिससे जटिल बहीखाता रखने का झंझट समाप्त हो जाता है।

·         अनुपालन में सुविधा:
विस्तृत पुस्तकें रखने की आवश्यकता न होने से कर अनुपालन प्रक्रिया में आसानी आती है।

·         निश्चित कर दायित्व:
फिक्स्ड प्रतिशत के आधार पर कर गणना से करदाताओं को अपने कर दायित्व का पूर्वानुमान लगाना सरल हो जाता है।

·         कर ऑडिट से छूट:
यदि करदाता इस योजना के तहत आय घोषित करते हैं तो सामान्यतः कर ऑडिट की आवश्यकता नहीं होती, जब तक कि वे निर्धारित सीमा से बाहर न निकलें।

सीमाएँ

·         अतिरिक्त कटौती का अभाव:
निर्धारित प्रतिशत के बाद कोई भी अतिरिक्त खर्च कटौती का दावा नहीं किया जा सकता है, चाहे वास्तविक खर्च कितना भी हो।

·         टर्नओवर सीमा:
यदि व्यवसाय का वार्षिक टर्नओवर निर्धारित सीमा (2 करोड़/3 करोड़ रुपये) से अधिक हो जाए, तो यह योजना उपलब्ध नहीं होती।

·         योजना से बाहर निकलने पर दंड:
यदि करदाता योजना का लाभ उठाने के बाद अगले 5 वर्षों में इसे छोड़ देते हैं, तो अगले 5 वर्षों तक इस योजना का लाभ नहीं लिया जा सकता है।

 

अनुपालन के लिए व्यावहारिक सुझाव

नियमित निगरानी

·         आर्थिक रिकॉर्ड रखें:
भले ही विस्तृत बहीखाता रखने की आवश्यकता न हो, फिर भी अपने टर्नओवर और सकल प्राप्तियों का साधारण रिकॉर्ड रखें ताकि कर विभाग के पूछताछ के समय आप आसानी से अपना विवरण प्रस्तुत कर सकें।

·         अग्रिम कर का समय पर भुगतान:
निर्धारित तिथि तक अग्रिम कर का भुगतान करना सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार के ब्याज या दंड से बचा जा सके।

वित्तीय योजना बनाएं

·         कर दायित्व की योजना:
फिक्स्ड प्रतिशत के आधार पर कर की गणना होने से अपने मासिक या वार्षिक बजट में कर दायित्व के लिए पूर्व नियोजन करें।

·         वार्षिक टर्नओवर की समीक्षा:
नियमित रूप से अपने वार्षिक टर्नओवर या सकल प्राप्तियों की समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप निर्धारित सीमा के भीतर हैं और अनुमानित कराधान योजना का लाभ लेते रह सकें।

नवीनतम कानूनों की जानकारी रखें

  • कानूनी परिवर्तनों पर नज़र रखें:
    कर नियम समय-समय पर अपडेट होते रहते हैं, इसलिए नवीनतम अधिनियम, नियम और अधिसूचनाओं की जानकारी रखें।
  • कर विशेषज्ञ से परामर्श:
    यदि कोई जटिलता महसूस हो या अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता हो, तो किसी योग्य कर सलाहकार से संपर्क करना लाभकारी रहेगा।

निर्णय का दस्तावेजीकरण करें

  • निर्णयों का अभिलेखन:
    चाहे विस्तृत बहीखाता न रखने की आवश्यकता हो, फिर भी सरल रिकॉर्ड रखें ताकि भविष्य में किसी भी विवाद या पूछताछ का समाधान किया जा सके।
  • कर रिटर्न की प्रतियाँ:
    अपनी कर रिटर्न और संबंधित दस्तावेजों की प्रतियाँ हमेशा सुरक्षित रखें।

 

निष्कर्ष: क्या अनुमानित कराधान योजना आपके लिए उपयुक्त है?

अनुमानित कराधान योजना छोटे व्यवसाय, पेशेवरों और परिवहन व्यवसायों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। यदि आप:

  • जटिल लेखा-जोखा रखने से बचना चाहते हैं,
  • अपने टर्नओवर या सकल प्राप्तियों का एक निर्धारित प्रतिशत घोषित करना पसंद करते हैं, और
  • सरल कर अनुपालन की आवश्यकता महसूस करते हैं,

तो यह योजना आपके लिए सर्वोत्तम विकल्प साबित हो सकती है।

हालांकि, यदि आपके व्यवसाय के व्यय बहुत अधिक हैं या आप वास्तविक खर्च कटौती का लाभ उठाना चाहते हैं, तो पारंपरिक कर गणना आपके लिए अधिक उपयुक्त हो सकती है। इस निर्णय को लेते समय अपने वार्षिक टर्नओवर, खर्च और भविष्य की वित्तीय योजना का सम्यक् आकलन करें। किसी भी शंका या अनिश्चितता की स्थिति में कर विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा एक समझदारी भरा कदम है।

इस विस्तृत हिंदी लेख के माध्यम से आप अनुमानित कराधान योजना की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि किस प्रकार यह योजना कर अनुपालन को सरल बनाती है। यदि आपके मन में कोई प्रश्न हैं या आप अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं, तो कृपया कमेंट करें या अपने कर सलाहकार से संपर्क करें।

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