1 अप्रैल 2025 से प्रभावी प्रमुख आयकर परिवर्तन: नए नियम, स्लैब और कटौतियों की पूरी जानकारी

 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी प्रमुख आयकर परिवर्तन: नए नियम, स्लैब और कटौतियों की पूरी जानकारी

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वित्त अधिनियम 2024 ने भारत के आयकर कानूनों में बड़े संशोधन किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। ये परिवर्तन व्यक्तियों, स्टार्टअप्स, वरिष्ठ नागरिकों और व्यवसायों को प्रभावित करते हैं और कर अनुपालन को सरल बनाने तथा छूट को बढ़ाने का उद्देश्य रखते हैं।

यह लेख प्रमुख Income Tax परिवर्तनों की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिसमें TDS (Tax Deducted at Source) और TCS (Tax Collected at Source) सीमा संशोधन, नई Income Tax Slabs, Section 87A Rebate, और प्रक्रियात्मक सुधार शामिल हैं।

1. स्टार्टअप्स के लिए विस्तारित कर लाभ (Section 80-IAC)

  • स्टार्टअप्स को 31 मार्च 2030 तक कर छूट का लाभ मिलेगा।
  • स्टार्टअप्स पहले दस वर्षों में से किसी भी तीन लगातार वर्षों के लिए 100% कर छूट का दावा कर सकते हैं।
  • पात्रता: DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) मान्यता, वार्षिक टर्नओवर ₹100 करोड़ से कम, और नवाचार-संचालित गतिविधियाँ।

प्रभाव:

  • नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • नए व्यवसायों को महत्वपूर्ण कर राहत मिलेगी।

2. संशोधित TDS (Tax Deducted at Source) नियम

मुख्य परिवर्तन:

आय का प्रकार

पुरानी TDS सीमा

नई TDS सीमा (1 अप्रैल 2025 से)

किराया (Section 194-I)

₹2.4 लाख/वर्ष

₹50,000 प्रति माह

वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज आय (Section 194A)

₹50,000/वर्ष

₹1 लाख/वर्ष

अन्य ब्याज आय (Section 194A)

₹40,000/वर्ष

₹50,000/वर्ष

बीमा कमीशन (Section 194D)

₹15,000/वर्ष

₹20,000/वर्ष

भागीदारों को भुगतान (Section 194T)

लागू नहीं

₹20,000 से अधिक पर 10% TDS

डिविडेंड आय (Section 194)

₹5,000/वर्ष

₹10,000/वर्ष

ऑनलाइन गेमिंग जीत (Section 194BA)

प्रत्येक लेनदेन पर TDS

₹10,000 से अधिक वार्षिक जीत पर TDS लागू

संपत्ति बिक्री (Section 194-IA)

₹50 लाख

₹75 लाख

अतिरिक्त विवरण:

  • किराया (Section 194-I): बढ़ी हुई सीमा उच्च किराए वाले शहरों में किरायेदारों और मकान मालिकों को राहत देगी।
  • ब्याज आय (Section 194A): वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹1 लाख तक की ब्याज आय पर कोई TDS नहीं लगेगा।
  • ऑनलाइन गेमिंग जीत (Section 194BA): अब TDS संपूर्ण वर्ष में ₹10,000 से अधिक जीत पर ही लागू होगा, पहले प्रत्येक लेनदेन पर कटौती होती थी।
  • -संपत्ति बिक्री (Section 194-IA): ₹75 लाख से अधिक मूल्य की संपत्ति पर ही 1% TDS लगेगा।

प्रभाव:

  • उच्च TDS छूट सीमा छोटे करदाताओं के अनुपालन बोझ को कम करेगी।
  • व्यवसायियों और पेशेवरों को कर में राहत मिलेगी।
  • उच्च मूल्य की संपत्तियों और ऑनलाइन गेमिंग जीत पर स्पष्टता प्रदान होगी।

3. TCS (Tax Collected at Source) के नियमों का सरलीकरण

मुख्य परिवर्तन:

-Section 194Q के तहत TDS काटे जाने पर माल की बिक्री पर TCS लागू नहीं होगा

-विदेशी प्रेषण (Foreign Remittances) पर TCS दरें घटीं:

शिक्षा/चिकित्सा को छोड़कर अन्य प्रेषण: ₹7 लाख से अधिक लेनदेन पर 15% (पहले 20%)
  • शिक्षा/चिकित्सा खर्च: ₹7 लाख से अधिक पर 5% TCS
  • विदेशी यात्रा पैकेज पर TCS 20% से घटाकर 15% किया गया।
-उच्च-मूल्य वस्तुओं की बिक्री पर TCS दरें यथावत रहेंगी
-बड़े कारोबारियों (₹10 करोड़ से अधिक टर्नओवर) को TCS संग्रह की आवश्यकताओं का पालन करना होगा।

अतिरिक्त विवरण:

  • एकल कर कटौती (One-time deduction) प्रणाली से TDS और TCS के बीच दोहराव को समाप्त किया गया है।
  • विदेशों में पढ़ाई और चिकित्सा उपचार के लिए भेजे गए पैसों पर कम TCS करदाताओं के लिए राहत प्रदान करेगा।
  • अंतरराष्ट्रीय यात्रा पैकेज बुकिंग के लिए कर का बोझ कम होगा।

प्रभाव:

  • -कर अनुपालन सरल होगा और दोहरी कर कटौती से बचा जाएगा।
  • -विदेशों में धन भेजने और यात्रा बुकिंग पर कर बोझ कम होगा।
  • -उच्च-मूल्य वाली खरीदारी पर कर स्पष्टता सुनिश्चित होगी।
  • Section 194Q के तहत TDS काटे जाने पर माल की बिक्री पर TCS लागू नहीं होगा

  • विदेशी प्रेषण (Foreign Remittances) पर TCS दरें घटीं:

  •           (a) शिक्षा/चिकित्सा को छोड़कर अन्य प्रेषण: ₹7 लाख से अधिक लेनदेन पर 15% (पहले 20%)            
  •            (b)-शिक्षा/चिकित्सा खर्च: ₹7 लाख से अधिक पर 5% TCS
  • -विदेशी यात्रा पैकेज पर TCS 20% से घटाकर 15% किया गया।

4. Section 87A के तहत बढ़ी हुई कर छूट

  • Section 87A के तहत छूट की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई।
  • मानक कटौती (Standard Deduction) ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई।
  • ₹12.75 लाख तक की आय पर शून्य कर लगेगा (नई कर प्रणाली के तहत)।
  • यह छूट केवल नई कर प्रणाली (New Tax Regime) में लागू होगी; पुरानी कर प्रणाली (Old Tax Regime) के अंतर्गत यह उपलब्ध नहीं है।

अतिरिक्त विवरण:

  • छूट की गणना कुल कर योग्य आय पर की जाएगी, जिसमें वेतन, व्यवसायिक आय और अन्य स्रोतों से आय शामिल हो सकती है।
  • कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ी हुई मानक कटौती से अतिरिक्त कर लाभ मिलेगा।
  • करदाताओं को नई कर प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है क्योंकि यह कम कर दरों के साथ सरल अनुपालन प्रदान करती है।

प्रभाव:

  • मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए अधिक बचत होगी।
  • नई कर प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
  • अधिक कर-मुक्त आय सीमा से खपत और बचत दोनों में वृद्धि हो सकती है
  • Section 87A के तहत छूट की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई।
  • मानक कटौती (Standard Deduction) ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई।
  • ₹12.75 लाख तक की आय पर शून्य कर लगेगा (नई कर प्रणाली के तहत)।

5. ITR-U (Updated Return) दाखिल करने की विस्तारित समय सीमा

मुख्य विशेषताएँ:

  • करदाता अब 4 वर्षों तक Updated Return (ITR-U) दाखिल कर सकते हैं (पहले यह सीमा केवल 2 वर्ष थी)।
  • यह सुविधा उन करदाताओं के लिए उपलब्ध होगी जिन्होंने अपनी पहले की कर विवरणी में आय की कोई जानकारी छुपा दी हो या गलती से रिपोर्ट नहीं की हो
  • यह रिटर्न केवल अतिरिक्त आय की घोषणा के लिए ही मान्य होगा, इसे कर कटौती बढ़ाने या अतिरिक्त रिफंड प्राप्त करने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता।

अतिरिक्त कर दंड:

समय सीमा

अतिरिक्त कर दंड (%)

पहले 12 महीने में दाखिल करने पर

25%

2 से 4 वर्ष के बीच दाखिल करने पर

50%

ITR-U दाखिल करने की प्रक्रिया:

  • आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें।
  • ITR-U फॉर्म चुनें और उपयुक्त आकलन वर्ष का चयन करें।
  • अतिरिक्त घोषित आय दर्ज करें और कर की गणना करें।
  • उचित कर और दंड का भुगतान करें और चालान संख्या अपडेट करें।
  • आयकर विवरणी जमा करें और उसकी पुष्टि करें।

प्रभाव:

  • स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा और करदाता अपनी पिछली गलतियों को सुधार सकेंगे।
  • कर अधिकारियों को बेहतर कर संग्रह में सहायता मिलेगी और विवादों में कमी आएगी।
  • करदाताओं को जांच और दंड से बचने का अवसर मिलेगा, जिससे वे कानूनी रूप से अपने कर दायित्वों को पूरा कर सकते हैं।
  • करदाता अब 4 वर्षों तक Updated Return (ITR-U) दाखिल कर सकते हैं (पहले 2 वर्ष थे)।
  • अतिरिक्त कर दंड:

                          (a) पहले 2 वर्षों में दायर करने पर 25% अतिरिक्त कर।

                          (b) 2 से 4 वर्षों के बीच दायर करने पर 50% अतिरिक्त कर।

6. प्रक्रियात्मक और ट्रस्ट सुधार

मुख्य परिवर्तन:

  • ब्लॉक असेसमेंट (Section 158BE): कर अधिकारियों के लिए ब्लॉक असेसमेंट पूरा करने की समय-सीमा को 12 महीने कर दिया गया है। इससे जब्त दस्तावेजों और डेटा का गहन विश्लेषण करने में आसानी होगी।
  • धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट पंजीकरण (Section 12AB):

    • ट्रस्टों को अब 10 वर्षों के लिए मान्यता मिलेगी, जो पहले 5 वर्ष थी।
    • इससे ट्रस्टों को बार-बार पंजीकरण नवीनीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • Section 13(3) के तहत दानदाता की परिभाषा में बदलाव:

    • अब केवल वे दानदाता "स्पेसिफाइड पर्सन" की श्रेणी में आएंगे जिन्होंने ₹1 लाख से अधिक का योगदान दिया है
    • पहले इसमें दानदाता के रिश्तेदार और अन्य संबंधित संस्थाएं भी शामिल थीं।
  • नए लेखा परीक्षा (Audit) नियम:

    • ट्रस्टों को अब वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी यदि वे Section 10(23C) और Section 12AB के तहत कर छूट का दावा कर रहे हैं।
    • यह सुनिश्चित करेगा कि ट्रस्ट अपनी वित्तीय स्थिति को पारदर्शी बनाए रखें।
  • फंड डायवर्जन पर सख्त नियम:

    • ट्रस्टों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा प्राप्त धन का उचित उपयोग हो और इसे गैर-धार्मिक या गैर-कल्याणकारी उद्देश्यों में खर्च न किया जाए।
  • प्रभाव:
  • ट्रस्टों के लिए लंबी अवधि की स्थिरता सुनिश्चित होगी।
  • धन का दुरुपयोग रोकने के लिए निगरानी प्रणाली मजबूत होगी।
  • कर अधिकारियों को बेहतर अनुपालन की सुविधा मिलेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • ब्लॉक असेसमेंट (Section 158BE): 12 महीने की समय-सीमा में कर अधिकारियों को जब्त डेटा का विश्लेषण करने का अवसर मिलेगा।
  • धार्मिक/चैरिटेबल ट्रस्ट पंजीकरण (Section 12AB): 
    • वैधता अवधि 5 से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दी गई।
  • Section 13(3) में दानदाताओं की नई परिभाषा: 
    • अब केवल ₹1 लाख से अधिक योगदान देने वाले दानदाता शामिल होंगे।

7. NPS वत्सल्या योजना (Section 80CCD)

मुख्य विशेषताएँ:

  • माता-पिता या अभिभावक अब नाबालिग के NPS (National Pension System) खाते में किए गए योगदान पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं।
  • यह कर कटौती Section 80CCD(1B) के तहत मान्य होगी और ₹50,000 प्रति वर्ष तक की छूट मिलेगी।
  • यह कटौती पहले केवल करदाता के स्वयं के NPS खाते में योगदान तक सीमित थी, लेकिन अब इसे नाबालिगों के लिए भी विस्तारित किया गया है।
  • जब तक बच्चा 18 वर्ष का नहीं हो जाता, तब तक यह खाता अभिभावक द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।
  • बालिग होने के बाद, नाबालिग स्वयं खाते का नियंत्रण संभाल सकता है और निवेश को जारी रख सकता है।

पात्रता एवं शर्तें:

  • केवल जैविक माता-पिता, दत्तक माता-पिता या कानूनी अभिभावक इस कर छूट का लाभ उठा सकते हैं।
  • नाबालिग भारतीय नागरिक होना चाहिए।
  • योगदान अप्रत्यक्ष रूप से (अभिभावक के खाते से) नहीं बल्कि सीधे नाबालिग के NPS खाते में किया जाना चाहिए।

अतिरिक्त लाभ:

  • यह योजना बच्चों के लिए लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
  • माता-पिता को अतिरिक्त कर बचत का अवसर मिलता है।
  • बुज़ुर्ग माता-पिता अपने पोते-पोतियों के लिए भी इस योजना में निवेश कर सकते हैं

प्रभाव:

  • सेवानिवृत्ति योजना को मजबूत करने के लिए बच्चों को कम उम्र में ही निवेश करने का अवसर मिलेगा।
  • माता-पिता के लिए अतिरिक्त कर लाभ और वित्तीय नियोजन में सहूलियत होगी।
  • NPS में भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय पेंशन प्रणाली को मजबूती मिलेगी।
  • माता-पिता या अभिभावक अब नाबालिग के NPS खाते में योगदान पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं।
  • ₹50,000 प्रति वर्ष तक की कटौती Section 80CCD(1B) के तहत मान्य होगी।

8. नई कर स्लैब (FY 2025-26) – नई कर प्रणाली

संशोधित कर स्लैब (New Tax Regime) - FY 2025-26

आय सीमा (₹)

कर दर (%)

0 – 3,00,000

0%

3,00,001 – 6,00,000

5%

6,00,001 – 9,00,000

10%

9,00,001 – 12,00,000

15%

12,00,001 – 15,00,000

20%

15,00,001 से ऊपर

30%

पुरानी कर प्रणाली (Old Tax Regime) की तुलना

आय सीमा (₹)

पुरानी कर दर (%)

नई कर दर (%)

0 – 2,50,000

0%

0%

2,50,001 – 5,00,000

5%

5%

5,00,001 – 10,00,000

20%

10-20%

10,00,001 से अधिक

30%

30%

नई कर प्रणाली में विशेष लाभ

  • बेसिक छूट सीमा बढ़ी: पहले ₹2.5 लाख थी, अब ₹3 लाख कर दी गई।
  • मानक कटौती (Standard Deduction) जारी: वेतनभोगी और पेंशनभोगियों को ₹75,000 की कटौती मिलेगी।
  • अधिकतम कर-मुक्त आय सीमा ₹12.75 लाख: छूट और कटौतियों के बाद, ₹12.75 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा।
  • पुरानी कर प्रणाली में कटौती (Deductions) उपलब्ध: HRA, 80C, 80D जैसी कटौतियां चाहने वाले करदाता इसे हर वर्ष चुन सकते हैं।

प्रभाव:

  • मध्यम वर्ग के करदाताओं को कम कर दरों का लाभ मिलेगा।
  • वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को उच्च मानक कटौती से राहत मिलेगी।
  • सरल कर संरचना के कारण कर अनुपालन अधिक सुगम होगा।

निष्कर्ष

1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले Income Tax संशोधन करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण लाभ लाते हैं, जिनमें उच्च कर-मुक्त सीमा, बेहतर कर छूट, सरलीकृत अनुपालन और स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।

मुख्य निष्कर्ष:

  • नई कर प्रणाली के तहत ₹12.75 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जिससे वेतनभोगी और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।
  • स्टार्टअप्स के लिए कर छूट की अवधि 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दी गई है, जिससे नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • TDS और TCS दरों में बदलाव से व्यक्तिगत और व्यावसायिक कर अनुपालन सरल होगा
  • ITR-U (Updated Return) दाखिल करने की समय-सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष कर दी गई है, जिससे करदाता अपनी पुरानी फाइलिंग में सुधार कर सकते हैं।
  • ट्रस्टों और चैरिटेबल संस्थानों के लिए 10 वर्षों की पंजीकरण वैधता पारदर्शिता और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करेगी।
  • NPS वत्सल्या योजना के तहत अभिभावकों को नाबालिगों के लिए कर छूट का लाभ मिलेगा, जिससे परिवारों की वित्तीय योजना मजबूत होगी।

आगे की कार्रवाई:

  • वेतनभोगी करदाता नई कर प्रणाली और मानक कटौती का मूल्यांकन करें
  • स्टार्टअप्स को समय पर पंजीकरण कराकर कर लाभ लेना चाहिए।
  • व्यवसायों और पेशेवरों को बदलते TDS/TCS प्रावधानों के अनुसार कर रणनीति बनानी चाहिए।
  • करदाताओं को ITR-U का लाभ उठाकर पुरानी फाइलिंग में सुधार करना चाहिए।

इन परिवर्तनों के साथ, सरकार ने कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। सही कर योजना और रणनीति अपनाकर करदाता अधिकतम बचत और कानूनी अनुपालन सुनिश्चित कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. 1 अप्रैल 2025 से कौन-कौन से प्रमुख आयकर बदलाव लागू होंगे?

1 अप्रैल 2025 से नई कर स्लैब, बढ़ी हुई TDS/TCS सीमाएं, ITR-U की विस्तारित समय-सीमा, और स्टार्टअप्स के लिए कर छूट सहित कई बदलाव लागू होंगे।

2. क्या नई कर प्रणाली (New Tax Regime) अनिवार्य होगी?

नई कर प्रणाली डिफ़ॉल्ट रूप से लागू होगी, लेकिन करदाता चाहें तो पुरानी कर प्रणाली (Old Tax Regime) का चुनाव कर सकते हैं।

3. Section 87A के तहत कर छूट में क्या बदलाव हुआ है?

अब ₹12 लाख तक की आय पर कर छूट उपलब्ध होगी, और स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000 कर दिया गया है।

4. क्या स्टार्टअप्स को अब भी कर छूट मिलेगी?

हाँ, Section 80-IAC के तहत स्टार्टअप्स को 31 मार्च 2030 तक कर छूट का लाभ मिलेगा।

5. ITR-U (Updated Return) दाखिल करने के लिए कितने वर्ष उपलब्ध होंगे?

अब करदाता 4 वर्ष तक ITR-U दाखिल कर सकते हैं, पहले यह सीमा 2 वर्ष थी।

6. वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS छूट सीमा में क्या बदलाव हुआ है?

वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर TDS छूट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है।

7. क्या नई कर प्रणाली के तहत भी कर कटौती (Deductions) उपलब्ध हैं?

नई कर प्रणाली में अधिकांश कर कटौतियाँ नहीं मिलतीं, लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन अब भी जारी रहेगा।

8. NPS वत्सल्या योजना क्या है?

अब अभिभावक नाबालिग के NPS खाते में योगदान पर ₹50,000 तक की कर छूट का दावा कर सकते हैं।

9. क्या संपत्ति खरीदने और बेचने पर TDS नियम बदले हैं?

हाँ, ₹50 लाख की संपत्ति सीमा अब ₹75 लाख कर दी गई है, जिससे छोटे लेन-देन पर कर अनुपालन सरल होगा।

10. क्या विदेशी यात्रा और फंड ट्रांसफर पर TCS में कोई बदलाव हुआ है?

हाँ, शिक्षा/चिकित्सा के लिए ₹7 लाख से अधिक प्रेषण पर 5% और अन्य मामलों में 15% TCS लगेगा। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले Income Tax संशोधन करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण लाभ लाते हैं, जिनमें उच्च कर-मुक्त सीमा, बेहतर कर छूट, सरलीकृत अनुपालन और स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।

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