आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अनुचित सेवा के कारण GST मांग रद्द की
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अनुचित सेवा के कारण GST मांग रद्द की
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में Bhagirath Infra Projects (AP) (P.) Ltd. के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें अनुचित सेवा के कारण GST मांग को रद्द कर दिया गया। यह मामला प्रक्रिया अनुपालन और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के महत्व को दर्शाता है।
पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता, जो सड़क निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों में संलग्न है, को 11 दिसंबर 2020 को एक Show Cause Notice प्राप्त हुआ, जिसमें FY 2015-16 और 2016-17 के Income Tax Returns के आधार पर Service Tax मांगा गया था। हालांकि याचिकाकर्ता ने आपत्तियां दायर कीं, फिर भी 26 मार्च 2024 को Personal Hearing के बिना एक Assessment Order जारी किया गया।
प्रमुख कानूनी मुद्दे
प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि कोई Personal Hearing नहीं दी गई, जिससे केस प्रभावित हुआ। Assessing Authority ने Notification No. 25/2012 द्वारा प्रदान की गई संभावित छूट पर विचार नहीं किया।
नोटिस सेवा को लेकर विवाद
Revenue ने तर्क दिया कि नोटिस Email और Post के माध्यम से भेजे गए थे। हालांकि, याचिकाकर्ता ने कहा:
- जिस Email पर नोटिस भेजा गया, वह GST Authorities के साथ पंजीकृत नहीं था।
- डाक से भेजे गए नोटिस अप्राप्त लौट आए।
इन विसंगतियों को देखते हुए, न्यायालय ने जांच की कि क्या नोटिस सेवा कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करती है।
न्यायालय का निर्णय
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला नोटिस सेवा और Personal Hearing को लेकर विवादित तथ्यों पर आधारित है। परिणामस्वरूप, निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए:
न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश
- 26 मार्च 2024 का Assessment Order रद्द किया गया।
- प्रतिवादी को नया नोटिस जारी करना होगा, जिसमें Personal Hearing की तारीख निर्धारित होगी।
- नोटिस को bhagirathnnv@gmail.com (GST Authorities के साथ पंजीकृत Email ID) पर भेजा जाना चाहिए।
- नोटिस प्राप्त करने के बाद, याचिकाकर्ता को Personal Hearing में उपस्थित होना होगा और अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से आपत्तियां प्रस्तुत करनी होंगी।
- प्रतिवादी को निष्पक्ष विचार के बाद एक नया आदेश पारित करने की स्वतंत्रता होगी।
- इस विशेष परिस्थिति को देखते हुए, Limitation को एक बचाव के रूप में नहीं उठाया जाएगा।
निष्कर्ष
यह निर्णय GST मामलों में उचित नोटिस सेवा और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के पालन के महत्व को रेखांकित करता है। व्यवसायों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पंजीकृत संचार विवरण अपडेटेड हों और वे कर प्राधिकरणों से प्राप्त नोटिस की सक्रिय रूप से निगरानी करें ताकि इस तरह के विवादों से बचा जा सके।
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